हवा का झोंका या थमी सी फिज़ा
सरसराती नदिया या ठहरा पानी
खुशबू कहो या कांटे
कली कहो चाहे फूल
कहो तुम जो भी
मैं तो हूँ ऐसी ही
इक पल चंचल, इक पल मासूम
अंबर जैसी विशाल, तो कभी मोती की मिसाल
हंसती मुस्कुराती सिमटती शरमाती
इस डगर कभी उस डगर
ठहरे न जो किधर
चाहो तुम जैसी भी
मैं तो हूँ ऐसी ही
जान देने वाली या जान लेने वाली
इरादों की पक्की, दिल की कच्ची
पत्थर से कठोर, पलकों से कोमल
जीत कर हारने वाली
या फिर हर कर जीतने वाली
मानो तुम जैसे भी
मैं तो हूँ ऐसी ही
सरसराती नदिया या ठहरा पानी
खुशबू कहो या कांटे
कली कहो चाहे फूल
कहो तुम जो भी
मैं तो हूँ ऐसी ही
इक पल चंचल, इक पल मासूम
अंबर जैसी विशाल, तो कभी मोती की मिसाल
हंसती मुस्कुराती सिमटती शरमाती
इस डगर कभी उस डगर
ठहरे न जो किधर
चाहो तुम जैसी भी
मैं तो हूँ ऐसी ही
जान देने वाली या जान लेने वाली
इरादों की पक्की, दिल की कच्ची
पत्थर से कठोर, पलकों से कोमल
जीत कर हारने वाली
या फिर हर कर जीतने वाली
मानो तुम जैसे भी
मैं तो हूँ ऐसी ही