Friday, 2 September 2022

सब यहीं छूट जाता है

तू रोते हुए आता है, सबको रुला के चला जाता है,
उन दो पलों के बीच जो संजोया, सब यहीं छोड़ जाता है | 
 
तेरा है ही क्या, तू ये बता,
तेरा है ही क्या, तू ये बता, नाम तक तो दूसरों से पाता है,
फिर उस नाम को यहीं छोड़ कर, जाते हुए सिर्फ body कहलाता है | 

body को दफनाएँ या जलाएँ, 
body को दफनाएँ या जलाएँ, मिट्टी का ये शरीर मिट्टी में मिल जाता है ,
ज़िन्दगी भर भागने वाला, अंत में लेट कर जाता है |

एक कण भी तेरा न था, एक कण भी ले जा न पाया, 
एक कण भी तेरा न था, एक कण भी ले जा न पाया,  फिर किस बात पे इतराता है,
धन दौलत नाम शोहरत कुछ नहीं, साथ जाना सिर्फ तेरे कर्मों का खाता है | 
 
तू खाली हाथ आता है और खाली हाथ जाता है,
उन दो पलों के बीच जो संजोया, सब यहीं छूट जाता है |