हवा सा उड़ना
पंछी सा चहकना
फूल सा खिलना
स्वभाव है मेरा
नदिया सा बहना है मुझे
क्या कुछ कहना है तुम्हें
न रोकना मेरा रास्ता
रोक नहीं पाओगे
पर दर्द की आग में
दोनों को ही पाओगे
आदत है मेरी
तूफ़ान से टकराने की
और कभी कभी
खुद से ही लड़ जाने की
इक मंज़िल हैं दूर कहीं
जहाँ मुझे जाना है
पता नहीं है
पर कुछ कर के दिखाना है
आखिर
ज़िन्दगी से जो मिला है मुझे
उसका क़र्ज़ भी चुकाना है
पंछी सा चहकना
फूल सा खिलना
स्वभाव है मेरा
नदिया सा बहना है मुझे
क्या कुछ कहना है तुम्हें
न रोकना मेरा रास्ता
रोक नहीं पाओगे
पर दर्द की आग में
दोनों को ही पाओगे
आदत है मेरी
तूफ़ान से टकराने की
और कभी कभी
खुद से ही लड़ जाने की
इक मंज़िल हैं दूर कहीं
जहाँ मुझे जाना है
पता नहीं है
पर कुछ कर के दिखाना है
आखिर
ज़िन्दगी से जो मिला है मुझे
उसका क़र्ज़ भी चुकाना है