मुस्कुराते हो तुम, तो मुस्कुराते हैं हम
संग तेरे खिलखिलाते हैं हम
खिलते हैं फूल, नदिया सरसराती है
हंसी तेरी सुन के,
हवायें भी गुनगुनाती हैं
जन्नत से भी ज्यादा, अज़ीज़ है हंसी तुम्हारी
डर लगता है, कहीं लग न जाए नज़र हमारी
तेरी हर मुस्कराहट के दीवाने हैं हम
मुस्कुराते हो तुम, तो मुस्कुराते हैं हम
तेरे होंठों के तराने, करके रोज़ नए बहाने
आते हैं मुझे बुलाने
छिड़ते हैं साज़, राग नए बनते हैं
ये गीत मेरे,
सिर्फ तेरे होंठों पे जँचते हैं
गीतों के बोल, जब से तेरे होंठों पे ठहरे
सुनते हैं बार बार, साँझ सवेरे
चलती रहे सदा ये सरगम
मुस्कुराते हो तुम, तो मुस्कुराते हैं हम
तेरी अखियों का नूर, फ़ीका लगता है कोहिनूर
मर जाएंगे अगर हुए तुझसे दूर
सजते हैं सपने, ख़्वाब नए जुड़ते हैं
इन आँखों के तले
घरौंदा नया बुनते हैं
देखती हैं जब मुझे, वक़्त वहीं थम जाता है
हमेशा के लिए इनमें, बस जाने को जी चाहता है
अब तो तुम ही हो मेरे हमदम
मुस्कुराते हो तुम, तो मुस्कुराते हैं हम
संग तेरे खिलखिलाते हैं हम
खिलते हैं फूल, नदिया सरसराती है
हंसी तेरी सुन के,
हवायें भी गुनगुनाती हैं
जन्नत से भी ज्यादा, अज़ीज़ है हंसी तुम्हारी
डर लगता है, कहीं लग न जाए नज़र हमारी
तेरी हर मुस्कराहट के दीवाने हैं हम
मुस्कुराते हो तुम, तो मुस्कुराते हैं हम
तेरे होंठों के तराने, करके रोज़ नए बहाने
आते हैं मुझे बुलाने
छिड़ते हैं साज़, राग नए बनते हैं
ये गीत मेरे,
सिर्फ तेरे होंठों पे जँचते हैं
गीतों के बोल, जब से तेरे होंठों पे ठहरे
सुनते हैं बार बार, साँझ सवेरे
चलती रहे सदा ये सरगम
मुस्कुराते हो तुम, तो मुस्कुराते हैं हम
तेरी अखियों का नूर, फ़ीका लगता है कोहिनूर
मर जाएंगे अगर हुए तुझसे दूर
सजते हैं सपने, ख़्वाब नए जुड़ते हैं
इन आँखों के तले
घरौंदा नया बुनते हैं
देखती हैं जब मुझे, वक़्त वहीं थम जाता है
हमेशा के लिए इनमें, बस जाने को जी चाहता है
अब तो तुम ही हो मेरे हमदम
मुस्कुराते हो तुम, तो मुस्कुराते हैं हम
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