सोचा न था ऐसे मोड़ पे आ जाएंगे,
इक दूजे से बात भी न कर पाएंगे |
संजो के रखा था जिन रिश्तों को,
वो टूट कर बिखर जाएंगे |
जिनकी हंसी से चलती थी दुनिया मेरी,
उनकी आवाज़ को भी तरस जाएंगे |
ज़िंदगी भर का साथ निभाना था जिनके संग,
वो हमसे अजनबी हो जाएंगे |
सोचा न था ऐसे मोड़ पे आ जाएंगे,
इक दूजे से बात भी न कर पाएंगे |
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