रोज़ सुबह तेरा आना, रोज़ सुबह तेरा आना
और फिर शाम को चले जाना ,
क्या खूब है कुदरत तेरा नज़राना !!
सुरख लाल से संतरी, संतरी से पीला हो जाना,
सुरख लाल से संतरी, संतरी से पीला हो जाना,
यूँ ही फिर शाम को
पीले से संतरी, संतरी से लाल हो जाना,
इन रंगों की बदलावट ने,
इन रंगों की बदलावट ने,
बनाया sunrise sunset को सुहाना,
क्या खूब है कुदरत तेरा नज़राना !!
कभी कभी सोचती हूँ,
कभी कभी सोचती हूँ,
रोज़ रोज़ आना और फिर चले जाना,
bore नहीं हो जाते तुम?
लेकिन फिर ख्याल आया,
लेकिन फिर ख्याल आया,
यही तो है discipline का फ़साना,
क्या खूब है कुदरत तेरा नज़राना !!
क्यूँ करते हो तुम ऐसा,
क्यूँ करते हो तुम ऐसा,
कभी बादलों में छुपना, कभी सिर पे खड़े हो जाना,
दया नहीं आती हमपे,
फिर किरणों ने बतलाया ,
फिर किरणों ने बतलाया,
ज़माने को unpredicatablity है सिखाना,
क्या खूब है कुदरत तेरा नज़राना !!
तू है तो मुमक़िन है,
तू है तो मुमक़िन है,
सर्दी का आना, गर्मी का जाना
मौसम चाहे जो भी हो,
मौसम चाहे जो भी हो,
sunglasses sunscreen की दुनिया में, तुम हो Vitamin D का खज़ाना,
क्या खूब है कुदरत तेरा नज़राना !!
क्या खूब है कुदरत तेरा नज़राना !!
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