कितनी परीक्षाएँ लोगे तुम
कितने ही इम्तेहान होंगे
इस ज़िन्दगी के सफ़र में
और कितने धोखे होंगे
कितनी कठनाईयाँ आएँगी अभी
और कितने कांटे होगे
कितना अभी चलना पड़ेगा
दुःख में भी मुस्कराना पड़ेगा
अब क्या देखना बाकी है
तू ही तो बस एक साथी है
तू खफा हो गया तो कुछ नहीं बाकी है
अब बस करो यूँ इम्तिहान लेना
मुझे बस तुम अपनी कृपा देना
और नहीं सह पाऊँगी मैं
टूट के बिखर जाऊँगी मैं
हाथ थाम ले बस अब तू कृष्णा
न हो जीवन में कोई और तृष्णा
इंतज़ार करा है बहुत मैंने
अब न और करवाओ तुम
न अब यूँ बहलाओ तुम
वक़्त अब आ चुका है
इसे यूँ ही जाने न दो
सबके जीवन में खुशियाँ भर दो
यही बस एक अरदास है मेरी
पूरा करने में न करो अब देरी
जल्दी से अपने भंडार खोलो
और इन गरीबों की झोली भर दो
कितने ही इम्तेहान होंगे
इस ज़िन्दगी के सफ़र में
और कितने धोखे होंगे
कितनी कठनाईयाँ आएँगी अभी
और कितने कांटे होगे
कितना अभी चलना पड़ेगा
दुःख में भी मुस्कराना पड़ेगा
अब क्या देखना बाकी है
तू ही तो बस एक साथी है
तू खफा हो गया तो कुछ नहीं बाकी है
अब बस करो यूँ इम्तिहान लेना
मुझे बस तुम अपनी कृपा देना
और नहीं सह पाऊँगी मैं
टूट के बिखर जाऊँगी मैं
हाथ थाम ले बस अब तू कृष्णा
न हो जीवन में कोई और तृष्णा
इंतज़ार करा है बहुत मैंने
अब न और करवाओ तुम
न अब यूँ बहलाओ तुम
वक़्त अब आ चुका है
इसे यूँ ही जाने न दो
सबके जीवन में खुशियाँ भर दो
यही बस एक अरदास है मेरी
पूरा करने में न करो अब देरी
जल्दी से अपने भंडार खोलो
और इन गरीबों की झोली भर दो
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