जैसे ढूँढती हूँ मैं, तू भी मुझे ढूँढता होगा,
मन की गहराईओं में मुझे टटोलता होगा,
बेखबर तू मुझसे, बेखबर मैं तुझसे,
बेखबर तू मुझसे, बेखबर मैं तुझसे,
मुख़्तलिफ़ है अपने रास्ते,
मिलेंगे इक दिन, खुशनुमा ये सफर होगा,
सफर का तू हमसफ़र होगा,
जैसे ढूँढती हूँ मैं, तू भी मुझे ढूँढता होगा,
मन की गहराईओं में मुझे टटोलता होगा ||
तू ही आफ़ताब, तू ही महताब,
तू ही आफ़ताब, तू ही महताब,
ज़ुस्तज़ू में तेरी देखे कई ख्वाब,
क़ुरबत में तेरी, मुकम्मल जहां होगा,
जुबां पे फिर तेरा ही नाम होगा,
जैसे सोचती हूँ मैं, तू भी मुझे सोचता होगा,
मन की गहराईओं में मुझे टटोलता होगा ||
रूबरू हूँ तुझसे, तेरा दीदार करूँ,
रूबरू हूँ तुझसे, तेरा दीदार करूँ,
इज़तिरार का अपने इकरार करूँ,
शब-ओ-रोज़, बातों का सिलसिला होगा,
कभी न थमने वाला, उल्फ़त का काफिला होगा,
जैसे पुकारती हूँ मैं, तू भी मुझे पुकारता होगा,
मन की गहराईओं में मुझे टटोलता होगा ||
रिश्ता हो ऐसा, कोई फरमाइश न हो,
रिश्ता हो ऐसा, कोई फरमाइश न हो,
बेरुखी की कोई गुंजाइश न हो,
थोड़ा रूठना थोड़ा मनाना, बहुत मुस्कुराना होगा,
मुस्कानों से सज़ा अपना आशियाना होगा,
जैसे चाहती हूँ मैं, तू भी मुझे चाहता होगा,
मन की गहराईओं में मुझे टटोलता होगा ||