उल्फ़त का गुलिस्तां हो तुम,
मेरे लिए खुदा का फरिश्ता हो तुम,
दिल-ए-उदास को फिर से हंसाया,
ना उम्मीदी में उम्मीद का दीपक जलाया,
दिल-ए-उदास को फिर से हंसाया,
ना उम्मीदी में उम्मीद का दीपक जलाया,
शुकराना कैसे करूँ,
शुकराना कैसे करूँ, अल्फ़ाज़ हो गए गुम,
दुआ है दिल से, हमेशा आबाद रहो तुम ||
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