Friday, 29 November 2024

क्या खूब है कुदरत तेरा नज़राना !!

रोज़ सुबह तेरा आना, रोज़ सुबह तेरा आना 
और फिर शाम को चले जाना ,
क्या खूब है कुदरत तेरा नज़राना !!

सुरख लाल से संतरी, संतरी से पीला हो जाना,
सुरख लाल से संतरी, संतरी से पीला हो जाना,
यूँ ही फिर शाम को 
पीले से संतरी, संतरी से लाल हो जाना,
इन रंगों की बदलावट ने, 
इन रंगों की बदलावट ने,
बनाया sunrise sunset को सुहाना,
क्या खूब है कुदरत तेरा नज़राना !!
 
कभी कभी सोचती हूँ,
कभी कभी सोचती हूँ,
रोज़ रोज़ आना और फिर चले जाना,
bore नहीं हो जाते तुम?
लेकिन फिर ख्याल आया,
लेकिन फिर ख्याल आया,
यही तो है discipline का फ़साना,
क्या खूब है कुदरत तेरा नज़राना !!
 
क्यूँ करते हो तुम ऐसा,
क्यूँ करते हो तुम ऐसा,
कभी बादलों में छुपना, कभी सिर पे खड़े हो जाना, 
दया नहीं आती हमपे,
फिर किरणों ने बतलाया ,
फिर किरणों ने बतलाया,
ज़माने को unpredicatablity है सिखाना,
क्या खूब है कुदरत तेरा नज़राना !!
 
तू है तो मुमक़िन है,
तू है तो मुमक़िन है,
सर्दी का आना, गर्मी का जाना  
मौसम चाहे जो भी हो,
मौसम चाहे जो भी हो,
sunglasses sunscreen की दुनिया में, तुम हो Vitamin D का खज़ाना,
क्या खूब है कुदरत तेरा नज़राना !!
क्या खूब है कुदरत तेरा नज़राना !!
 
 
 

Friday, 2 September 2022

सब यहीं छूट जाता है

तू रोते हुए आता है, सबको रुला के चला जाता है,
उन दो पलों के बीच जो संजोया, सब यहीं छोड़ जाता है | 
 
तेरा है ही क्या, तू ये बता,
तेरा है ही क्या, तू ये बता, नाम तक तो दूसरों से पाता है,
फिर उस नाम को यहीं छोड़ कर, जाते हुए सिर्फ body कहलाता है | 

body को दफनाएँ या जलाएँ, 
body को दफनाएँ या जलाएँ, मिट्टी का ये शरीर मिट्टी में मिल जाता है ,
ज़िन्दगी भर भागने वाला, अंत में लेट कर जाता है |

एक कण भी तेरा न था, एक कण भी ले जा न पाया, 
एक कण भी तेरा न था, एक कण भी ले जा न पाया,  फिर किस बात पे इतराता है,
धन दौलत नाम शोहरत कुछ नहीं, साथ जाना सिर्फ तेरे कर्मों का खाता है | 
 
तू खाली हाथ आता है और खाली हाथ जाता है,
उन दो पलों के बीच जो संजोया, सब यहीं छूट जाता है | 


Monday, 23 May 2022

ख़ूबसूरती एक एहसास है

ख़ूबसूरती एक एहसास है, जीने का आभास है,
ख़ूबसूरती एक एहसास है ...
ढूंढते रहते हो यहाँ वहाँ, मिलती नहीं बताओ कहाँ,
बारिश की बूँदों में सिमट कर, धरती पे लहराती हुई,
मिट्टी की सोंधी खुशबू से, मन को महकाती हुई,
थोड़ा रिझाती, थोड़ा सताती,
खुद से खुद को रूबरू कराती,
पानी से न बुझे, ये वो मीठी प्यास है,
ख़ूबसूरती एक एहसास है ||
 
सूरत में नहीं, सीरत में बसती,
दाम नहीं कोई, बाज़ार में न बिकती,
दिलों को छूने वाली ज़ुबां है इसकी,
मीठे बोलों से होती पहचान है इसकी,
थोड़ी नादान, थोड़ी शैतान,
खुदा की करामात, न हो तू हैरान,
दिल में झाँक कर देख, हमेशा तेरे आस पास है
ख़ूबसूरती एक एहसास है, 
मिल जाए तो ख़ास है, न मिले तो तलाश है,
ख़ूबसूरती एक एहसास है ||

Monday, 28 March 2022

क्यों न इस बार

बहुत सुन ली ज़माने की, थोड़ी दिल की सुन लूँ,
दब गए थे जो अरमां, उन्हें फिर से बुन लूँ ,
औरों को चुनने से पहले, अपने आप को चुन लूँ,
क्यों न इस बार, थोड़ी मोहब्बत खुद से कर लूँ || 
 
ख्वाहिशों को कर सजदा, ख़्वाबों में संजो लूँ,
सूरज़ की किरणों को, उम्मीदों में पिरो लूँ,
रंगो में भीगने से पहले, अपने रंग में भिगो लूँ,
क्यों न इस बार, अपने आप की हो लूँ || 
 
सूरत का क्या मोल, सीरत को संवार लूँ,
रब भी आकर पूछे, रूह श्रृंगार लूँ,
नज़रों से पहले, नज़र में उतार लूँ ,
क्यों न इस बार, खुदा का दीदार करूँ !!

Wednesday, 23 March 2022

कहने वाले बहुत होंगे

गिराने वाले बहुत होंगे, उठाने वाला कोई विरला होगा,
न कभी डगमगाना तुम, संग तेरे खुद खुदा होगा | | 

कहने वाले बहुत होंगे, करने वाला कोई विरला होगा,
तूफानों से लड़ जाना तुम, तुझ जैसा और कहाँ होगा | | 
 

Thursday, 27 January 2022

जैसे ढूँढती हूँ मैं

जैसे ढूँढती हूँ मैं, तू भी मुझे ढूँढता होगा,
मन की गहराईओं में मुझे टटोलता होगा,
बेखबर तू मुझसे, बेखबर मैं तुझसे,
बेखबर तू मुझसे, बेखबर मैं तुझसे,
मुख़्तलिफ़ है अपने रास्ते,
मिलेंगे इक दिन, खुशनुमा ये सफर होगा,
सफर का तू हमसफ़र होगा,
जैसे ढूँढती हूँ मैं, तू भी मुझे ढूँढता होगा,
मन की गहराईओं में मुझे टटोलता होगा || 

तू ही आफ़ताब, तू ही महताब,
तू ही आफ़ताब, तू ही महताब,
ज़ुस्तज़ू में तेरी देखे कई ख्वाब,
क़ुरबत में तेरी, मुकम्मल जहां होगा,
जुबां पे फिर तेरा ही नाम होगा,
जैसे सोचती हूँ मैं, तू भी मुझे सोचता होगा,
मन की गहराईओं में मुझे टटोलता होगा || 
 
रूबरू हूँ तुझसे, तेरा दीदार करूँ,
रूबरू हूँ तुझसे, तेरा दीदार करूँ,
इज़तिरार का अपने इकरार करूँ,
शब-ओ-रोज़, बातों का सिलसिला होगा,
कभी न थमने वाला, उल्फ़त का काफिला होगा,
जैसे पुकारती हूँ मैं, तू भी मुझे पुकारता होगा,
मन की गहराईओं में मुझे टटोलता होगा ||

रिश्ता हो ऐसा, कोई फरमाइश न हो,
रिश्ता हो ऐसा, कोई फरमाइश न हो,
बेरुखी की कोई गुंजाइश न हो,
थोड़ा रूठना थोड़ा मनाना, बहुत मुस्कुराना होगा,
मुस्कानों  से सज़ा अपना आशियाना होगा,
जैसे चाहती हूँ मैं, तू भी मुझे चाहता होगा,
मन की गहराईओं में मुझे टटोलता होगा ||


Thursday, 13 January 2022

शुकराना

उल्फ़त का गुलिस्तां हो तुम,
मेरे लिए खुदा का फरिश्ता हो तुम,
दिल-ए-उदास को फिर से हंसाया,
ना उम्मीदी में उम्मीद का दीपक जलाया,
शुकराना कैसे करूँ,
शुकराना कैसे करूँ, अल्फ़ाज़ हो गए गुम,
दुआ है दिल से, हमेशा आबाद रहो तुम || 


Wednesday, 5 January 2022

जीने की ख़ुशी है

जीने की ख़ुशी है, मरने का गम नहीं,
एक तेरे सिवा, और कोई गम नहीं || 

जीने की ख़ुशी है, मरने का गम नहीं,
तेरा नक़ाब उतर गया, अब कोई भ्रम नहीं || 

जीने की ख़ुशी है, मरने का गम नहीं,
खुद से मोहब्बत करना, कोई जुर्म तो नहीं || 
 
 

Sunday, 2 January 2022

इत्तेफ़ाक़

इत्तेफ़ाक़ ने इत्तेफ़ाक़ को,
इत्तेफ़ाक़ ने इत्तेफ़ाक़ को, कहा ये इत्तेफ़ाक़ से,
इत्तेफ़ाक़ थे तुम,
इत्तेफ़ाक़ थे हम,
इत्तेफ़ाक़ से तेरा आना,
और चुपचाप चले जाना,
इस आने जाने की बीच,
इस आने जाने की बीच, न जाने क्या हुआ इत्तेफ़ाक़ से,
पास आने वाले दूर हो गए,
जन्मों के वादे चकनाचूर हो गए,
हाथों में हाथ न रहा,
थामने वाला साथ न रहा,
ये सब देखकर,
ये सब देखकर, इत्तेफ़ाक़ भी गहरी सोच में पड़ गया,
क्यूँ कैसे कब हो गया,
अब बस अर्ज़ी है इत्तेफ़ाक़ से, 
अब बस अर्ज़ी है इत्तेफ़ाक़ से,
फिर ऐसा कभी न करना,
किसी से साथ इत्तेफ़ाक़ न करना  || 
 

Tuesday, 28 December 2021

खुद को बदल न देना

गुजरे कल, बीते पल,
को सोचने से क्या होगा,
जो बीत गया वो कल था,
जो आएगा वो पल होगा,
आने वाले पल के लिए, सपने फिर से संजो लेना,
किसी के बदल जाने पर, खुद को बदल न देना || 
 
दगाबाज़ निकला वो,
इक पल में पलट गया,
चिकनी चुपड़ी बातें करके,
रिश्तों को ठग गया ,
सनम बेवफ़ा के लिए,
उस बेवफ़ा के लिए, भूल से भी हताश न होना,
किसी के बदल जाने पर, खुद को बदल न देना || 

जुर्रत की उसने,
कि तुझे कुचल सके,
अपनी बेरूखी से,
तेरी मासूमियत मसल सके , 
अपनी मासूमियत को कभी,
अपनी मासूमियत को कभी, अलविदा न कहना,
किसी के बदल जाने पर, खुद को बदल न देना || 
 
खोल दे अपने पंख,
नई उड़ान भर ले,
मुस्कुराहटों से,
फिर से दोस्ती कर ले,
अधूरे रह गए थे जो अरमां,
अधूरे रह गए थे जो अरमां, उन्हें पूरा कर लेना,
किसी के बदल जाने पर, खुद को बदल न देना ||