Sunday, 26 May 2013

रंग बिरंगे सपने

प्यारे प्यारे सपने
मेरे सपने
रंग बिरंगे सपने
आँखों में सजते
जुबां दिल की कहते
सपने, कुछ अधूरे कुछ पूरे

कहते हमसे, है दुनिया बहुत ही हसीन
कुछ पल कर के देखो यकीन
साथ लाते अपने नई सुबह
ख्वाहिशों को देते पनाह
जीने की चाहत हैं सपने
फूलों से भी कोमल सपने
सपने, सागर की लहरों से सपने

बंद तो कभी खुली आँखों के सपने
हसांते तो कभी रुलाते भी हैं सपने
सपनों से ही चलता हैं संसार
हैं ये हर किसी की आँखों का इंतज़ार
उम्मीद की रौशनी कायम रखते सपने
ज़िन्दगी को नई राह दिखाते सपने
सपने, पलकों पे बसते हलके फुल्के सपने

Saturday, 25 May 2013

ख्वाब और ख्याल

सपनों में, ख्वाबों में, ख्यालों में
तेरा ही दीदार करता हूँ
तुझे ही देखा करता हूँ
चाहत है तू मेरी
बस इतना कहना चाहता हूँ

बेशक सपनों में सही
तू मिलने तो आती है
क्यों तू इस दुनिया से
इतना घबराती है
इतना शरमाती है
भला हो उस नींद का
जो तेरा मुखड़ा दिखा जाती है

सपनों में, ख्वाबों में, ख्यालों में
तेरा ही दीदार करता हूँ

ख्यालों में मेरे तू रहती है
ख्वाबों में सजती है
साँसों में महका करती है
सपनों में बोला करती है
फिर कभी कुछ नहीं कहती तू
सिर्फ दिल की धड़कन में धडकती तू

सपनों में, ख्वाबों में, ख्यालों में
तेरा ही दीदार करता हूँ

Friday, 24 May 2013

फूल

ये फूल कितने प्यारे हैं
सबसे निराले हैं
खिले फूल, मानो मुस्कुराते चेहरे
महक फैलाते फिज़ा में
जीवन चाहे हो बस एक दिन का
पर सदा खिलखिलाते हैं
ना कभी किसी से लेते कुछ
हर लम्हा करें दूसरों पर न्योछावर
देते हैं, हवा को ताज़गी
भंवरे को प्यार
इंसान को मुस्कुराहट
जीने के लिए सांस
मुरझाने पर भी जैसे कुछ कहते हैं
मुझसे बातें करते हैं
काँटो के साथ हुए तो क्या
वो भी तो है इसके जीवन का हिस्सा
बिल्कुल वैसे जैसे सुख दुःख का किस्सा
धूप , बरसात, तूफ़ान सब सहते
पर कभी ना घबराते
कोई शिकायत न करते
ना कोई शिकवा रखते
जानते, तो बस बाँटना ही जानते
खिलना और मुस्कुराना ही सिखा
और वही सबको सिखाया
रोज़ एक नई सुबह लाते
हर पल मन को भरमाते
तभी तो सबको ये भाते



Wednesday, 22 May 2013

सावन

सावन आयो रे, आयो रे सावन आयो रे
सावन की पहली बारिश
पहली बारिश की पहली बूँद
जब इस धरती को चूमे
तो ये धरती आसमां से मिल पड़े
आयो रे, घिर घिर आयो रे
सावन आयो रे

खिल रहे हैं फूल, चहचहाते है  पंछी
हवायें गुनगुनाती है, मीठे राग सुनाती हैं
नदी की लहरें सागर से जब मिलती हैं
अलग न फिर कभी होती हैं
आयो रे, मचल मचल आयो रे
सावन आयो रे

मन मचलता है 
तन्हाईयाँ मुस्कुराती है
जिन्दा हुई तस्वीरें, बोल पड़ी ख़ामोशी 
बगिया में महक छाई है
सौंधी सौंधी सी खुशबू मिटटी में समाई है
आयो रे, झूम झूम आयो रे
सावन आयो रे

आया है, सबके लिए खुशियाँ लाया है
आया है, सावन बरसने को आया है

आँखें तेरी कुछ कहती हैं

आँखें तेरी कुछ कहती हैं, इशारों इशारों में बातें करती हैं
करती हैं मोहब्बत का इज़हार
चुपके से मुझे देखती हैं, हर पल मेरा पीछा करती हैं
आँखें तेरी कुछ कहती हैं, इशारों इशारों में बातें करती हैं

पागल बना दिया तेरी नशीली आँखों ने
आँखें बंद करूँ तो तेरी आँखें दिखाई देती हैं
ओ माही मेरे, उठते बैठते इनका ही दीदार करता हूँ
इश्क मैं इतना तुझसे करता हूँ
सोहनीये ओ सोहनीये, डूबा रहना चाहता हूँ इनमें सदा
खो के इनमें जीना चाहता हूँ
दूर से ही निहारा करती हैं, इशारों इशारों में बातें करती हैं

कितनी मासूम, कितनी भोली भाली हैं, चंचल और नादान हैं
कुछ भी तो छिपा नहीं सकती, हैं एक खुली किताब
हर एहसास दिल का बयाँ करती हैं, कोई भी बात ना इनसे छिप पाई
हर राज़ खोल देती हैं, इशारों इशारों में बातें करती हैं

ये आँखें तेरी कुछ कहती हैं मुझसे, दूर से ही निहारा करती हैं मुझे
पलकें बिछाए राह तकती हैं बरसों से, इशारों इशारों में बातें करती है मुझसे

Monday, 6 May 2013

मस्त

उड़ जाऊं इन हवाओं में
मैं भी इक पंछी बन के
खो जाऊँगी इन घटाओं में
बरसूँगी बादल बन के
चंचल प्राणी सी विचरुंगी मैं
अपने ही दिल की रानी बन के
दिल में उमंगें भरी हैं आज
एक नया एहसास जागा है
फिकर नहीं है कोई अब
एक नई तरंग छाई है
छू लूंगी आसमां को पतंग के जैसे
न आऊँगी किसी की पकड़ में ऐसे
मेरे दिल पे एक सरूर छाया है
मन मेरा हर्षाया है
कोई बंदिश नहीं
अब सिर्फ खुशहाली है
दिल मेरे तू उड़ान भरता जा
तेरी हर बात निराली है