सावन आयो रे, आयो रे सावन आयो रे
सावन की पहली बारिश
पहली बारिश की पहली बूँद
जब इस धरती को चूमे
तो ये धरती आसमां से मिल पड़े
आयो रे, घिर घिर आयो रे
सावन आयो रे
खिल रहे हैं फूल, चहचहाते है पंछी
हवायें गुनगुनाती है, मीठे राग सुनाती हैं
नदी की लहरें सागर से जब मिलती हैं
अलग न फिर कभी होती हैं
आयो रे, मचल मचल आयो रे
सावन आयो रे
सावन की पहली बारिश
पहली बारिश की पहली बूँद
जब इस धरती को चूमे
तो ये धरती आसमां से मिल पड़े
आयो रे, घिर घिर आयो रे
सावन आयो रे
खिल रहे हैं फूल, चहचहाते है पंछी
हवायें गुनगुनाती है, मीठे राग सुनाती हैं
नदी की लहरें सागर से जब मिलती हैं
अलग न फिर कभी होती हैं
आयो रे, मचल मचल आयो रे
सावन आयो रे
मन मचलता है
तन्हाईयाँ मुस्कुराती है
जिन्दा हुई तस्वीरें, बोल पड़ी ख़ामोशी
बगिया में महक छाई है
सौंधी सौंधी सी खुशबू मिटटी में समाई है
आयो रे, झूम झूम आयो रे
सावन आयो रे
सावन आयो रे
आया है, सबके लिए खुशियाँ लाया है
आया है, सावन बरसने को आया है
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