ये फूल कितने प्यारे हैं
सबसे निराले हैं
खिले फूल, मानो मुस्कुराते चेहरे
महक फैलाते फिज़ा में
जीवन चाहे हो बस एक दिन का
पर सदा खिलखिलाते हैं
ना कभी किसी से लेते कुछ
हर लम्हा करें दूसरों पर न्योछावर
देते हैं, हवा को ताज़गी
भंवरे को प्यार
इंसान को मुस्कुराहट
जीने के लिए सांस
मुरझाने पर भी जैसे कुछ कहते हैं
मुझसे बातें करते हैं
काँटो के साथ हुए तो क्या
वो भी तो है इसके जीवन का हिस्सा
बिल्कुल वैसे जैसे सुख दुःख का किस्सा
सबसे निराले हैं
खिले फूल, मानो मुस्कुराते चेहरे
महक फैलाते फिज़ा में
जीवन चाहे हो बस एक दिन का
पर सदा खिलखिलाते हैं
ना कभी किसी से लेते कुछ
हर लम्हा करें दूसरों पर न्योछावर
देते हैं, हवा को ताज़गी
भंवरे को प्यार
इंसान को मुस्कुराहट
जीने के लिए सांस
मुरझाने पर भी जैसे कुछ कहते हैं
मुझसे बातें करते हैं
काँटो के साथ हुए तो क्या
वो भी तो है इसके जीवन का हिस्सा
बिल्कुल वैसे जैसे सुख दुःख का किस्सा
धूप , बरसात, तूफ़ान सब सहते
पर कभी ना घबराते
कोई शिकायत न करते
ना कोई शिकवा रखते
जानते, तो बस बाँटना ही जानते
खिलना और मुस्कुराना ही सिखा
और वही सबको सिखाया
रोज़ एक नई सुबह लाते
हर पल मन को भरमाते
तभी तो सबको ये भाते
ना कोई शिकवा रखते
जानते, तो बस बाँटना ही जानते
खिलना और मुस्कुराना ही सिखा
और वही सबको सिखाया
रोज़ एक नई सुबह लाते
हर पल मन को भरमाते
तभी तो सबको ये भाते
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